ना समझ हैं दिल इसको संभाल कर रखना पड़ता हैं!

कोई   हँसकर   बात  करे  तो  लड़  जाना  पड़ता  हैं!



बारी          बारी          इल्ज़ाम         लगते        हैं।

बारी बारी ज़ख़्मों को कटघरे में खड़ा होना पड़ता हैं।


यह      हँसता   चेहरा    कैसे    दर्द     ब्या    करें ?

हाल ए ग़म बताने को इन आँखो को रोना पड़ता हैं।


इन        हसीन            चेहरों       को      क्या        ख़बर !

इनको हसाने के लिए लड़कों को क्या-क्या करना पड़ता हैं!


आसमा और ज़मीन जितना फ़ासला हैं हमारे बीच!

मुलाक़ात   के  लिए  बादलों  को बरसना पड़ता हैं!


इन ज़ालिमो की आँखे और होंठ बर्बाद कर देते हैं!

इनको    तो      बस       हँसना        पड़ता       हैं!


लो      आ      गया      मेरा     चाँद   मिलने       मुझसे!

इसे बताओ सनी इसका इंतज़ार कितना करना पड़ता हैं!

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